जिले के गेहूं खरीदी केंद्रों में ट्रांसपोर्टर की लापरवाही के चलते डंप पड़ा है लाखों क्विंटल गेहूं । स्थिति चिंताजनक थोड़ी सी बारिस में हालात हो सकते हैं खराब। विपरण संघ एवं जिला प्रशासन बना तमाशबीन।
मिसिरगवा न्यूज नईगढ़ी
जिले के गेहूं उपार्जन केंद्रों में एक बार फिर हालात खराब दिख रहे हैं। जहाँ एक तरफ खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था का दौर सुधरने का नाम नहीं ले रहा है वहीं ट्रांसपोर्टर की मनमानी और जिम्मेदार विभाग की लापरवाही के चलते खरीदी केंद्रों पर लाखों क्विंटल गेहूं डंप पड़ा हुआ । आए दिन मौसम की स्थिति बनती बिगड़ती नजर आती है लेकिन आसमान में रह-रहकर छाए बादल और रुक रुक कर हो रही चीता बूंदी के बाद भी जिम्मेदार हम प्रशासनिक अमला गेहूं खरीदी केंद्रों की ओर अपना ध्यान नहीं दिया। जिससे साबित होता है कि शायद बारिस होने पर सड़ने के इंतज़ार में है। गेहूं खरीदी केंद्रों में आलम यह है कि यदि थोड़ी सी भी बारिस हुई तो निश्चित तौर पर खुले में रखा गेहूं भींगकर सड़ने लगेगा और फिर उसका जिम्मेदार खरीदी केंद्रों और समितियों के साथ किसानों को बना दिया जाएगा और जब विपणन संघ उस सड़े हुए गेहूं को लेने से मना कर देगा तो बेचारे किसान का पैसा बिना वजह फंस जाएगा। आखिर इस सबका जिम्मेदार कौन होगा? वैसे भी खरीदी केंद्रों में किसानों के साथ जिम्मेदार समित सेवक एक तरफ से लूट जैसी स्थिति बना के रखे हैं वह चाहे बहुत ही खरीदी केंद्र हो या बंधवा सभी जगह गेहूं भर्ती के नाम पर या खराब गेहूं बता कर लूट मचा रखे हैं लेकिन जिम्मेदार अमला अव्यवस्था को व्यवस्था के रूप में आज तक परिणित नहीं कर पाया।
जिम्मेदार विभाग बना अनजान:---
जिले के ज्यादातर गेहूं उपार्जन केंद्रों में हालात यह हैं कि समुचित शेड की व्यवस्था न होने से गेहूं की खरीदी खुले आसमान के नीचे की जा रही है।
गाँव के किसी बगीचे अथवा समतल किये गए खेतों में किसान के गेहूं की खरीदी की जा रही है। यह खरीदी विपणन संघ द्वारा की जाती है जिसकी पूरी जबाबदेही उन्ही की होती है। वैसे मुख्य मॉनीटिरिंग बॉडी के तौर पर जिले का फ़ूड विभाग कार्य करता है। शिकायत की स्थिति में इसका निराकरण और निगरानी का काम फ़ूड या खाद्य विभाग का होता है। अब सवाल यह है कि कहीं न कहीं यह खाद्य विभाग की भी कमी है कि वह देखे की आखिर प्रतिदिन किस अनुपात में उपार्जित किये गए गेहूं का परिवहन किया जा रहा है। यदि सप्ताह भर से गेहू उठाव नही हुआ तो इसमे ट्रांसपोर्टर के साथ साथ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, सहकारिता विभाग एवं विपणन संघ भी जिम्मेदार है।
इन खरीदी केंद्रों में है समस्या:-----
वास्तव में देखा जाय तो उपार्जित गेहूं के उठाव को लेकर समस्या लगभग जिले के हर ब्लॉक में है जिनमे गंगेव, जवा, त्योंथर, सिरमौर, हनुमना, नईगढ़ी, रायपुर कर्चुलियान और सेमरिया आदि सम्मिलित हैं लेकिन विशेष रेडी टू ट्रांसपोर्ट सॉफ्टवेयर में देखा जाय तो सभी खरीदी केंद्रों ने यह जानकारी ट्रांसपोर्टर और फ़ूड विभाग को भेज दी है और स्पष्ट कर दिया है कि किस किस उपार्जन केंद्र में कितना कितना गेहूं डंप पड़ा है लेकिन इसके बाबजूद भी ट्रांसपोर्टर और फ़ूड विभाग की नींद नही खुल रही है।
कई खरीदी केंद्रों में नष्ट हो रहा गेहूं:----
गंगेव ब्लॉक अन्तर्गत आने वाले दर्ज़नों खरीदी केंद्रों में उपार्जित गेहूं सड़ने की कगार पर है। कई खरीदी केंद्र तो ऐसे हैं जहां पर गेहूं खेतों में पड़ा है और केंद्र प्रबंधकों द्वारा बताया गया कि गेहूं को दीमक खाने लगे हैं जिसको बाद में विपणन संघ द्वारा रिजेक्ट कर दिया जाता है। केंद्र प्रबंधकों ने वताया की इसमे न तो किसानों का दोष है और न ही केंद्र प्रबंधकों का लेकिन ट्रांसपोर्टर की मनमानी के चलते पेनल्टी प्रबंधकों और संबंधित समितियों को भरनी पड़ती है।
गंगेव ब्लॉक के बांस, हिनौती, लौरी मंडी, लालगांव, देवास, आदि खरीदी केंद्रों एवं नईगढ़ी के कोट बंधवा शिवराजपुर जोरौट बहुती खरीदी केंद्र में हज़ारों क्विन्टल गेहूं खरीदा जाकर दीमक और बेरहम मौसम की भेंट चढ़ रहा है जिसे न तो शासन प्रशासन देख रहा न ही ट्रांसपोर्टर और फ़ूड विभाग।
उन्होंने कहा:--
बांस गेंहू खरीदी केंद्र में 15 ट्रक गेहूं एक सप्ताह से खुले में पड़ा है, जिसके विषय मे रेडी टू ट्रांसपोर्ट सॉफ्टवेयर में जानकारी भेद दी गयी है लेकिन चाकघाट का कोई मुखिया नामक ट्रांसपोर्टर की मनमानी के चलते हमारा गेहूं को दीमक खाये जा रहे हैं। मौसम भी रोज खराब हो रहा है और हमारी व्यवस्थाएं सीमित हैं। प्रशासन की मदद चाहिए, हमारा गेहूं उठाव किया जाए। कोट, लालगांव, देवास और लौरी-गढ़ की भी जिम्मेदारी मेरे ऊपर है। यदि मौसम खराब हुआ तो हम इतने बड़े स्तर की व्यवस्थाएं न बना पाएंगे।
महेंद्र त्रिपाठी, समिति प्रबंधक बांस समिति और प्रभारी कोट,लालगांव, देवास, परासी लौरी-गढ़ ।
हिनौती खरीदी केंद्र काफी बड़ा खरीदी केंद्र है फिर भी समिति भवन में जगह होने से काफी व्यवस्थाएं हो जाती है लेकिन पिछले कुछ दिनों से बारदाने नही आने से समस्या हो रही है। बारदानों का अभाव रहता है जिससे किसानों को दो से तीन दिन खड़ी धूप में परेशान होना पड़ रहा है। प्रशासन ट्रांसपोर्टर और बारदाने की तरफ ध्यान दे।
राजेन्द्र सिंह समिति प्रबंधक हिनौती समिति, गंगेव ।
हम कई किसान गेहूं लेकर गेहूं खरीदी केंद्र आये तो पता चला बारदानों की समस्या है। सरकार व्यवस्था करे जिससे किसानों को परेशान न होना पड़े।"-
सुधाकर मिश्रा किसान ग्राम जमुई त्योंथर
हमारा पैसा आज गेहूं देने के 3 सप्ताह बाद भी नही आया है। समिति प्रबंधक से जानकारी चाही तो बताया कि ई पी ओ नही आया है। हमे नही पता कि ई पी ओ क्या है, हम तो इतना जानते हैं कि 3 सप्ताह हो चुके हैं शादी अवसर है तो हमारा पैसा चाहिए।"-गणेश पटेल किसान ग्राम सोरहवा गंगेव
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