मध्य प्रदेश प्री-नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट (MPPNST) 2022-23 के परिणामों को लेकर छात्रों का संघर्ष

By mnnews24x7.com Sun, Mar 23rd 2025 मिसिरगवां समाचार     

रीवा

भोपाल। मध्य प्रदेश प्री-नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट (MPPNST) 2022-23 के परिणामों को लेकर छात्रों का संघर्ष सरकार और विभागों की लापरवाही का प्रतीक बन चुका है। छात्रनेता अमन सिंह बघेल ने बताया कि जबलपुर हाईकोर्ट ने 31 जनवरी 2025 को स्पष्ट आदेश दिया था कि परीक्षा के नतीजे जल्द जारी किए जाएं, लेकिन तीन महीने बीतने के बाद भी छात्र सिर्फ विभागों के चक्कर काट रहे हैं। छात्रों का कहना है कि उन्होंने DHS, ESB और MPNRC तक कोर्ट के आदेश की कॉपी जमा की, लेकिन तीनों विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे। ESB ने कहा कि विभाग आदेश देगा तो रिजल्ट जारी करेंगे, DHS ने कहा कि हमारा काम सिर्फ प्रशिक्षण देना है, रिजल्ट जारी करने का अधिकार हमारे पास नहीं, और MPNRC ने कहा कि हम सिर्फ काउंसलिंग कर सकते हैं, रिजल्ट पर हमारा नियंत्रण नहीं। इस तरह छात्रों को एक विभाग से दूसरे विभाग तक दौड़ाया जा रहा है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकला।



छात्रों ने 25 फरवरी 2025 को हाईकोर्ट में शिकायत दर्ज कराई कि सरकार कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कर रही है। इस पर अदालत ने सख्त नाराजगी जताई और पुनः निर्देश दिया कि परीक्षा परिणाम तुरंत घोषित किए जाएं। हालांकि, सरकार और विभागों ने इस आदेश को भी नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद 18 मार्च 2025 को हाईकोर्ट ने एक और आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि MPPNST 2022-23 के नतीजे अविलंब घोषित किए जाएं।



छात्रों का आरोप है कि सरकार कोर्ट को भी गुमराह कर रही है और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। जब मामला अदालत में पहुंचा तो सरकार ने अलग-अलग बहाने बनाना शुरू कर दिए—CBI जांच का बहाना बनाया गया कि नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े की जांच चल रही है, इसलिए परिणाम रोके गए हैं, लेकिन छात्रों ने सवाल उठाया कि अगर जांच चल रही थी, तो परीक्षा क्यों करवाई गई? सरकार ने दावा किया कि ग्वालियर खंडपीठ ने स्टे लगाया है, लेकिन सच्चाई यह है कि ग्वालियर हाईकोर्ट ने सिर्फ यह पूछा था कि सत्र लेट क्यों हुआ? सरकार ने अदालत में गलत हलफनामा पेश कर 2023-24 के "Zero Year" को 2022-23 का बताया। ESB ने बिना इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) की अनुमति के परीक्षा करवाई, इसलिए परिणाम नहीं घोषित हो सकते, लेकिन छात्रों का सवाल है कि अगर परीक्षा बिना अनुमति के थी, तो सरकार ने इसे रोका क्यों नहीं?



छात्रों ने सीएम हाउस, डिप्टी सीएम ऑफिस और कई विभागों से गुहार लगाई, लेकिन हर जगह से एक ही जवाब मिला—"मामला कोर्ट में लंबित है।" छात्रों ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और राज्यपाल तक 15 बार शिकायतें भेजीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब हजारों नर्सिंग छात्र सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि यदि 28 मार्च 2025 तक परिणाम घोषित नहीं हुए, तो सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन होगा।



18 मार्च 2025 को हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर 28 मार्च 2025 से पहले MPPNST 2022-23 का परिणाम घोषित नहीं किया गया, तो सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने MPESB के सचिव को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। यदि तब तक नतीजे जारी नहीं हुए, तो सरकार को जवाब देना पड़ेगा।



क्या सरकार छात्रों के भविष्य को बचाएगी या फिर उनकी आवाज अनसुनी ही रहेगी? यह सवाल अब लाखों नर्सिंग छात्रों के मन में गूंज रहा है।

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