बसपा की सियासी जमीन पर खड़ी सपा की इमारत, अखिलेश यादव के आधे से ज्यादा सांसद करते थे कभी हाथी की सवारी
बसपा की सियासी जमीन पर खड़ी सपा की इमारत, अखिलेश यादव के आधे से ज्यादा सांसद करते थे कभी हाथी की सवारी
लखनऊ।उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली है।जीत के लिहाज से आज सपा यूपी की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। हालांकि अखिलेश यादव की पार्टी के चुने गए सांसदों में ज्यादातर का नाता एक समय मायावती की पार्टी बसपा से रहा है।
समाजवादी पार्टी के मुखिया प्रमुख अखिलेश यादव इस बार लोकसभा चुनाव में यूपी की सियासत के बादशाह बनकर उभरे हैं।यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से सपा ने 37 सीटों पर जीत का परचम लहराते हुए भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत से दूर कर दिया।पीडीए फॉर्मूले ने अखिलेश यादव का साथ दिया।इस नई सोशल इंजीनियरिंग के जरिए भाजपा को मात देने का मंत्र सपा के हाथ जरूर लग गया है।कांशीराम की प्रयोगशाला से निकले नेताओं को सहारे सपा न सिर्फ गैर-यादव ओबीसी समाज को बल्कि बसपा के दलित वोटबैंक को भी जोड़ने में सफल रही है।हालांकि 2024 में खड़ी हुई सपा की सियासी इमारत कहीं न कहीं बसपा की जमीन पर है।
लोकसभा चुनाव में सपा से जीते 37 में से 17 सांसद ऐसे हैं, जिनका किसी न किसी तरह से नाता बसपा से रहा है। वे बसपा से विधायक रहे या फिर लोकसभा सांसद रह चुके हैं। इतना ही नहीं कुछ नेता ऐसे भी हैं, जिन्होंने कांशीराम के साथ बसपा के गठन में अपना योगदान दिया।
*सपा में दलित और यादव एक साथ*
बसपा के संस्थापक सदस्य पूर्व मंत्री घूरा राम सपा के प्रति वफादारी जताने वाले पहले बड़े दलित नेता थे।इसके बाद फिर बसपा नेताओं का सपा में आने का सिलसिला शुरू हुआ जो लगातार जारी रहा।बसपा से आए नेताओं को टिकट देकर सिर्फ अखिलेश यादव ने अपने सांसदों की संख्या ही नहीं बढ़ाई बल्कि उस परिकल्पना को भी तोड़ दिया है कि यूपी में दलित और यादव कभी एक नहीं हो सकते।
लखनऊ की मोहनलालगंज लोकसभा से सपा से सांसद बने आरके चौधरी,जालौन से सांसद नारायणदास अहिरवार, जौनपुर से सांसद बने बाबूसिंह कुशवाहा बसपा के शुरुआती के दौर के नेता रहे हैं।अहिरवार और आरके चौधरी ने बसपा के संस्थापक कांशीराम की बीएस फोर से राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी और बसपा के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं।इसके अलावा बस्ती लोकसभा से सपा से सांसद बने राम प्रसाद चौधरी भी बसपा के दिग्गज नेताओं में गिने जाते थे, लेकिन राम प्रसाद चौधरी ने अपना राजनीतिक सफर जनता दल से शुरू किया था और बाद में कांशीराम से प्रभावित होकर बसपा का दामन थाम लिया था।
*बसपा से सफर करने वाले नेता*
श्रावस्ती से सांसद राम शिरोमणि वर्मा और सलेमुपर सांसद रमाशंकर राजभर ने बसपा से ही राजनीतिक शुरुआत की थी। रमाशंकर राजभर ने अपना सियासी सफर 1991 में शुरू किया था,लेकिन 2009 में रमाशंकर पहली बार जीते। बसपा से रमाशंकर सपा के तत्कालीन सांसद हरिकेवल प्रसाद को हराया था और अब हरिकेवल के बेटे को हराकर सांसद बने। श्रीवस्ती से सांसद बने राम शिरोमणि वर्मा ने भी अपना सियासी सफर बसपा से शुरू किया। राम शिरोमणि वर्मा 2019 में पहली बार सांसद बने और अब दूसरी बार सपा से सांसद बने।अंबेडकरनगर से सपा से सांसद बने लालजी वर्मा ने लोकदल से अपने सियासी पारी की शुरुआत की,लेकिन 1996 में लालजी वर्मा ने बसपा का दामन थाम लिया।इसके बाद लालजी वर्मा ने 2022 के चुनाव से पहले सपा का दामन थाम लिया। लालजी वर्मा पहले विधायक बने और अब सांसद बने हैं।इटावा से सांसद जीतेंद्र कुमार दोहरे इस बार सपा से सांसद बने हैं,लेकिन जितेन्द्र कुमार दोहरे ने बसपा से सियासी शुरूआत की थी। जितेन्द्र कुमार दोहरे इटावा से बसपा जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
*देवेश शाक्य ने कल्याण सिंह के बेटे को हराया*
एटा लोकसभा से सांसद बने देवेश शाक्य ने अपनी सियासी पारी की शुरुआत बसपा से की थी।देवेश शाक्य के बड़े भाई विनय शाक्य बसपा के कद्दावर नेता रहे हैं।बसपा सरकार में मंत्री भी रहे हैं।विनय शाक्य साथ ही देवेश शाक्य बसपा से जिला पंचायत सदस्य रहे हैं।बसपा के संगठन से भी जुड़े रहे, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर सपा में आए थे।इस लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने देवेश शाक्य को एटा से टिकट दिया था।पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह को देवेश शाक्य ने हरा दिया।आंवला से सांसद बने नीरज मौर्य ने भी अपनी सियासी पारी की शुरुआत बसपा से की थी।बसपा से नीरज मौर्य दो बार जलालाबाद विधायक बने। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले नीरज मौर्य सपा में शामिल हो गए थे,लेकिन विधानसभा का चुनाव हार गए थे।इसके बाद भी अखिलेश यादव ने इस बार लोकसभा चुनाव में टिकट दिया और आंवला से लोकसभा सांसद बने। देवेश शाक्य और नीरज मौर्य दोनों ही स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं और उन्हीं के साथ सपा का दामन थामा था।गाजीपुर से सांसद बने अफजाल अंसारी ने भी अपनी सियासी पारी की शुरुआत लेफ्ट से की थी।उसके बाद सपा से विधायक और सांसद बने।अफजाल अंसारी 2019 में बसपा से सांसद बने।इस बार लोकसभा चुनाव में सपा सांसद बने। अफजाल अंसारी ने बसपा से इस्तीफा तक नहीं दिया था।ऐसे ही 2019 में बसपा से चुनाव लड़ने वाली रुचि वीरा भी इस बार मुरादाबाद से सपा से सांसद बनी हैं। 2019 में रुचि वीरा भले ही सपा से चुनाव लड़ी थी,लेकिन उन्होंने अपनी सियासी पारी की शुरुआत बसपा से की थी।
*इकरा हसन के माता-पिता बसपा से रहे सांसद*
सुल्तानपुर से सांसद बने रामभुआल निषाद ने अपने सियासी पारी की शुरुआत बसपा से की और आगे बढ़े।बसपा से रामभुआल विधायक रहे और बसपा सरकार में राज्यमंत्री रहे, लेकिन बाद में रामभुआल बसपा छोड़कर सपा का दामन थाम लिया।इस बार लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर से भाजपा की मेनिका गांधी के खिलाफ सपा ने रामभुआल को उतारा था।रामभुआल बने।चंदौली से सपा से सांसद बने वीरेंद्र सिंह बसपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं।वीरेंद्र सिंह बाद में बसपा छोड़कर सपा का दामन थाम लिया। इसके बाद से वीरेंद्र सिंह सपा में हैं।इस बार सांसद बने।कौशांबी से सांसद बने पुष्पेन्द्र सरोज सपा के महासचिव इंद्रजीत सरोज के बेटे हैं।इंद्रजीत सरोज सपा से विधायक हैं। इंद्रजीत सरोज ने अपने सियासी पारी की शुरुआत बसपा से की थी।बसपा के शुरुआती दौर के नेता हैं और कांशीराम के साथ जुड़े रहे हैं। इंद्रजीत सरोज बसपा के प्रदेश अध्यक्ष तक रह चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इंद्रजीत सरोज ने सपा का दामन थामा था।इस बार इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज कौशांबी से सपा से सांसद बने हैं।कैराना से सांसद बनी इकरा हसन ने अपने सियासी पारी की शुरुआत सपा से शुरू किया। इकरा हसन के पिता मुनव्वर हसन और मां तब्बसुम हसन बसपा से सांसद रह चुकी हैं। इकरा हसन का परिवार बसपा से लेकर सपा और आरएलडी तक में रहा है।
Similar Post You May Like
-
त्यौहार में बिक रही मिलावटी खोवे की मिठाइयां
*त्यौहार में बिक रही मिलावटी खोवे की मिठाइयां* मऊगंज मऊगंज बाजार में खुले में मिलावटी खोवा से मिठाइयों का भंडार खुली जगह में खुली मिठाइयां विक्री की जा रही है जहां कीड़े मकोड़े गंदगी और मिलावटी मिठाइयों का भंडार लगा है फ़ूड अधिकारी सिर्फ त्योहारों में व्यापारियों का और अपना त्यौहार बनाने के लिए जांच पड़ताल और फोटो खींचकर चले जाते हैं कई वर्षों से जांच होती रही लेकिन अब तक किस
-
मध्य प्रदेश में अब बिना परमिट वाले स्कूल व यात्री वाहनों पर प्रति सीट लगेगा जुर्माना
*मध्य प्रदेश में अब बिना परमिट वाले स्कूल व यात्री वाहनों पर प्रति सीट लगेगा जुर्माना* भोपाल। बिना परमिट के स्कूल बस और यात्री वाहन चलाने पर अब बैठक क्षमता के अनुसार एक हजार रुपये प्रति सीट जुर्माना लगेगा। माल वाहन के लिए यह दर प्रति टन के हिसाब से होगी। अभी बिना परमिट या परमिट की शर्त का उल्लंघन करने पर जीवनकाल कर की राशि का 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता रहा है। इसी तरह मोटरयान कर
-
MP में शपथ पत्र के लिए अब 200 और अचल संपत्ति के एग्रीमेंट के लिए 5000 रुपये का लगेगा स्टांप
*MP में शपथ पत्र के लिए अब 200 और अचल संपत्ति के एग्रीमेंट के लिए 5000 रुपये का लगेगा स्टांप* भोपाल। शपथ पत्र बनवाने के लिए अब 50 की जगह 200 रुपये और अचल संपत्ति के एग्रीमेंट के लिए 1000 की जगह 5000 रुपये का स्टांप लगेगा। ऐसे 12 तरह के कामों के लिए स्टांप शुल्क में वृद्धि होने वाली है। इसके लिए विधानसभा में प्रस्तुत भारतीय स्टांप (मप्र संशोधन) विधेयक 2025 बुधवार को पारित हो गया है। चर्चा के दौरान कांग्रे
-
जन विश्वास विधेयक कोर्ट-कचहरी से मुक्ति, जुर्माना लगाकर केस होंगे खत्म
*जन विश्वास विधेयक कोर्ट-कचहरी से मुक्ति, जुर्माना लगाकर केस होंगे खत्म* भोपाल। मध्य प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने, व्यापार-व्यावसाय में आसानी और भयमुक्त वातावरण देने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने जन विश्वास संशोधन विधेयक के माध्यम से 12 विभागों के 20 अधिनियमों में संशोधन कर दिया। अब छोटे-मोटे मामलों में कोर्ट-कचहरी के स्थान पर अर्थदंड लगाकर मामला निपटा दिया जाएग
-
रक्षाबंधन से पहले टूटा भाई-बहन का अटूट बंधन, सांप के डसने से मौत, अंधविश्वास बना काल
*रक्षाबंधन से पहले टूटा भाई-बहन का अटूट बंधन, सांप के डसने से मौत, अंधविश्वास बना काल* कटनी। घर में एक ही कमरे में सो रहे भाई-बहन को रात में सांप ने डस लिया। स्वजन उनको तत्काल इलाज कराने ले जाने की जगह पहले झाड़फूंक कराने ले गए। जब हालत बिगड़ने लगी तो दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया। जब तक जहर शरीर में फैल गया और दोपहर तक दोनों एक के बाद एक दम तोड़ दिया। रक्षाबंधन पर्व से पहले हुई यह घटन
-
कांग्रेस नेता आशीष तिवारी ने वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की
आमजनमानस की आवाज बनकर सड़क से सदन तक संघर्ष करेंगे - आशीष तिवारी । *कांग्रेस नेता आशीष तिवारी ने वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की* रीवा। कांग्रेस नेता आशीष तिवारी ने भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ,पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, पूर्व मंत्री बाला बच्चन, लखन घनघोरिया,जयवर्धन सिंह, समेत दर्जनों विधायकों से मुलाका
-
बेटियों ने चारपाई में लेटाकर पहुंचाया मरीज को सड़क तक
*बेटियों ने चारपाई में लेटाकर पहुंचाया मरीज को सड़क तक* । *>गंगेव जनपद के ग्राम पंचायत घुचियारी का मामला ।* *>सरपंच ने नहीं डालवाया सड़क पर मुरूम, डेढ़ किलोमीटर तक बेटियो ने उठाई चारपाई।* गंगेव-: जनपद पंचायत गंगेव के ग्राम पंचायत घुचियारी बहेरा में सड़क की हालत इतनी जर्जर थी कि बरसात के कारण मुरूम की रोड में गड्ढे हो गए थे जिस एंबुलेंस घर तक नहीं पहुंच
-
भाजपा सरकार की ढुलमुल व्यवस्था से जनमानस त्रस्त है - आशीष तिवारी
भाजपा सरकार की ढुलमुल व्यवस्था से जनमानस त्रस्त है - आशीष तिवारी । रीवा। कांग्रेस नेता एवं पूर्व चुनाव प्रभारी आशीष तिवारी ने कहा कि भाजपा सरकार की उदासीनता और ढुलमुल व्यवस्था के कारण रीवा,विंध्य समेत प्रदेश का जनमानस जलमग्न होकर त्राहिमाम कर रहा है । उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जिस गुजरात मॉडल का डंका विश्व में बजा रही है उसकी ज़मीनी हकीकत अब देश के जनमानस के समक्ष स्पष्ट है,
-
भाजपा के पूर्व मंडी अध्यक्ष राम सिंह जी,के घर में बाढ का पानी जब भरा तो वो (स्कार्पियो गाड़ी में रात्रि भर बैठे रहे )। उनके बेटे अजय सिंह पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष थे।
भाजपा के पूर्व मंडी अध्यक्ष राम सिंह जी,के घर में बाढ का पानी जब भरा तो वो (स्कार्पियो गाड़ी में रात्रि भर बैठे रहे )। उनके बेटे अजय सिंह भाजपा जिलाध्यक्ष थे। नेहरू नगर में भंयकर बाढ की समस्या। निजात न होने के कई कारण हैं। (1)=नाला निर्माण मे बाधा उत्पन्न करना, निगम प्रशासन द्वारा,व सत्ताधारी मठाधीश नेताओं से ऐसा इसलिए कह रही की मैंने धरना प्रदर्शन कर 1.47एक करोड़ सैंतालीस लाख का नाला
-
मऊगंज में प्रकृति ने ढाया कहर: आकाशीय बिजली की चपेट में आने से किशोर सहित तीन की मौत
मऊगंज में प्रकृति ने ढाया कहर: आकाशीय बिजली की चपेट में आने से किशोर सहित तीन की मौत मऊगंज जिला मुख्यालय में घटी वीभत्स घटना, उधर नईगढ़ी क्षेत्र में दो महिलाएं घायल मऊगंज में प्रकृति ने ढाया कहर: आकाशीय बिजली की चपेट में आने से किशोर सहित तीन की मौत मऊगंज जिले में शनिवार की शाम प्रकृति ने कुछ इस कदर कहर ढाया की तेज बारिश के बीच गिरी आकाशीय बिजली की चपेट में आने से जहां एक किशोर सह