लोकसभा चुनाव के पहले चरण में ही उखड़े BJP के चरण
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में ही उखड़े BJP के चरण
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 102 सीटों के लिये मतदान संपन्न हो चुका है। पहले चरण में जिन 102 सीटों के लिए मतदान हुआ है, वर्तमान में उनमें से 51 सीटें NDA गठबंधन के पास है। मतलब BJP को यथास्थिति बरकरार रखने के लिए भी 50% सीटें जीतना ज़रूरी है, जबकि मतदान के घटते प्रतिशत का इशारा BJP के खिलाफ जा रहा है।
*पहले चरण के लिये हुये मतदान में 62 फ़ीसद लोगों ने ही मतदान किया है, जबकि इसके पूर्व 2019 में मतदान का प्रतिशत 66 रहा है।*
BJP के हवाहवाई प्रचार और मीडिया के इतने सहयोग के बावजूद भी मतदान कम होना BJP के लिये चिंता का विषय बन गया है।
*आईये ! आँकड़ों से समझते है-*
👉 पहले चरण की 102 सीटों में BJP को केवल 16 सीटों पर ही निश्चित जीत मिल रही है, जबकि 19 सीटों पर काँटे की टक्कर का सामना करना पड़ रहा है।
👉 NDA गठबंधन के पास 2019 में जो 51 सीटें थी, वो घटकर 35 होने जा रही हैं। इस हिसाब से BJP को पहले चरण में ही क़रीब 16 सीटों का सीधा सीधा नुक़सान हो रहा है।
👉 वहीं कांग्रेस गठबंधन की बात करें तो पहले चरण की वोटिंग से भरपूर उत्साह नज़र आ रहा है। INDIA गठबंधन को पहले ही चरण में क़रीब 13 सीटों का सीधे सीधे फ़ायदा मिल रहा है। BJP के पास से जा रही 16 में से 3 सीटें अन्य/क्षेत्रीय दलों को मिलने की संभावना है।
*मतदान कम होने का मतलब*
🔷 मतदान कम होने का फ़ायदा हमेशा कांग्रेस को मिलता है, जबकि मतदान बढ़ने का फ़ायदा BJP के पक्ष में जाता है।
🔷 वर्ष 2004 और 2009 के आमचुनावों में मतदान का प्रतिशत आश्चर्यजनक रूप से कम हुआ था, दोनों ही चुनाव में कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी थी।
🔷 आमचुनाव वर्ष 2014 और 2019 में मतदान के प्रतिशत में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, नतीजतन दोनों ही चुनाव में BJP गठबंधन की सरकार बनी थी।
🔷 अब 2024 के आमचुनाव में एक बार फिर मतदान का प्रतिशत कम हो रहा है, यह BJP सरकार के जाने का स्पष्ट संकेत है।
🔷 2004 में यूपी के कुल मतदान में 5 प्रतिशत की कमी आई थी। इस बार कुल 48 प्रतिशत वोट ही राज्य में पड़े। इसका सीधा नुकसान BJP को हुआ और BJP की सीट 11 पर सिमट गई थी।
🔷 2009 में भी उत्तर प्रदेश में वोट फीसद में गिरावट आई। इस बार 0.38 प्रतिशत वोट कम पड़े। कांग्रेस को वोट प्रतिशत गिरने का फायदा हुआ और कांग्रेस ने 21 सीटों पर जीत हासिल की।
🔷 2014 और 2019 में यूपी में वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई। 2014 में देश के सबसे बड़े राज्य में 2009 के मुकाबले 10 प्रतिशत ज्यादा मतदान हुए, इससे BJP की सीटें 73 पर पहुंच गई।
🔷 तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटों पर पहले चरण में मतदान हुए। यहां पिछली बार की तुलना में 3 प्रतिशत कम मतदान हुए हैं। यहां इस बार 69.46 प्रतिशत मतदान हुआ है।
🔷 तमिलनाडु मे 2019 में भी वोट प्रतिशत घटा था, जिसका सीधा फायदा कांग्रेस और DMK गठबंधन को हुआ था। गठबंधन ने यहाँ 38 में से 37 सीटों पर जीत हासिल की थी।
🔷 राजस्थान में भी 2009 में जब एक प्रतिशत वोट में कमी आई तो कांग्रेस को 16 सीटों का फायदा हुआ था।
पहले चरण में मतदान का प्रतिशत गिरने के बाद अब BJP का चारों खाने चित्त होना निश्चित हो गया है। BJP कार्यकर्ता निराश होकर घर बैठ चुका है।
*पहले चरण के मतदान से साबित हो गया कि देश का आम आदमी BJP की विदाई का संकल्प लेकर मैदान में उतर चुका है और महंगाई, बेरोज़गारी, महिला सुरक्षा, किसान कर्जमाफी/MSP, श्रमिकों को सम्मानजनक मज़दूरी और हर वर्ग को उसके हक़ की हिस्सेदारी के लिये मतदान कर रहा है। यही लोकतंत्र की पुकार है। यही समय की पुकार है। यही इंडिया की पुकार है
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