पानी की शुद्धता का परीक्षण करने लाखों रुपए कीमती दवा कचरे के ढेर में

By mnnews24x7.com Thu, Apr 20th 2023 मिसिरगवां समाचार     

*पानी की शुद्धता का परीक्षण करने लाखों रुपए कीमती दवा कचरे के ढेर में*

रीवा__मऊगंज नि प्र 20 अप्रैल

एक एक आदमी के टैक्स के रूप में सरकार को दी गई राशि और सरकार द्वारा एक एक आदमी को उस राशि के माध्यम से सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाने का उद्देश्य रहा है किंतु इस उद्देश्य को मऊगंज विकासखंड अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एसडीओ की मनमानी गरीबों के टैक्स के पैसे से मिलने वाले लाभ का दुरुपयोग किस तरह से किया जा रहा है ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की शुद्धता की जांच एवं गुणवत्ता देखने के लिए मल्टीपैरामीटर फील्ड वाटर टेस्ट किट के नाम से सरकार द्वारा लाखों रुपए की यह दवा किट के रूप में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मऊगंज को दी गई है किंतु अधिकारियों द्वारा कभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की शुद्धता का परीक्षण नहीं किया जाता और ना कभी किया ही गया है कार्यालय के परिसर में हजारों कार्टून दवा पड़ी है जिसमें कई कार्टूनों की दवा खुली एवं धूप में बिखरी पड़ी है जिसका कार्यालय के किसी भी कर्मचारी द्वारा व्यवस्थित नहीं किया गया दवा की शीशी में स्पष्ट रूप से लिखा है कि उपयोग के बाद ठंडे और सूखे स्थान पर सुरक्षित रखें कर्मचारियों की भ्रष्ट कार्यशैली एवं सरकारी पैसे का किस प्रकार से दुरुपयोग किया जा रहा है यह अनायास ही देखा जा सकता है यह बड़े स्तर से जांच का विषय है पीएचई के एसडीओ का निवास रीवा में है कार्यालय कभी आना नहीं होता दूरभाष पर बात करने पर क्षेत्र का बहाना बताकर फोन काट देते हैं ग्रामीण क्षेत्रों में दूषित पानी को शुद्ध करने एवं पानी के पानी में कुल कठोरता रिएजेंट नंबर 4 के आधार पर पानी की शुद्धता मापने की यह दवाई कार्यालय में बिखरी पड़ी है इन्हीं अधिकारियों की वजह से ग्रामीण स्तर तक यह सुविधाएं नहीं पहुंच पाती लाखों की दवा कार्यालय के कोने पर कचरे के रूप में बिखरी पड़ी है सरकार का उद्देश्य रहा है कि ग्रामीण स्तर में दूषित जल की शुद्धता का परीक्षण उपरांत ग्रामीण जनों को शुद्ध पेयजल की उपलब्धता कराना उद्देश रहा है किंतु कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी के उदासीन एवं भ्रष्ट व्यवस्था के कारण ग्रामीणों तक इस योजना का लाभ नहीं पहुंच पाता जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से अपेक्षा है कि जांच कर यह सुनिश्चित करें कि एक वर्ष में किस गांव में और कहां जल परीक्षण कराया गया मिली जानकारी के अनुसार कागजों में परीक्षण दिखा दिया जाता है और सारी दवा कचरे में बाहर फेंक दी जाती है

Similar Post You May Like

ताज़ा खबर