*13 करोड़ के करारोपण घोटाले में कई लोगो ने लिया बचाने के नाम पर चंदा।*- गंगेव कराधान के भ्रस्टाचार का है पूरा मामला*।-
♦️ *13 करोड़ के करारोपण घोटाले में कई लोगो ने लिया बचाने के नाम पर चंदा।*-
♦️ *गंगेव कराधान के भ्रस्टाचार का है पूरा मामला*।-
♦️ *मुनींद्र तिवारी ने पूर्व सरपंच रहते हुए किया करोड़ों का घोटाला।*
♦️ *बिना पंच/ सरपंच ही स्वनिर्मित संघ के है प्रदेशाध्यक्ष।*-
♦️ *संघ के नाम कई सालों से चल रहा चंदे का गोरख धंधा*।-
💥 *यह पूरे देश में पहला उदाहरण होगा कि श्री मुनींद्र तिवारी बिना पंच सरपंच के अपने को पंच सरपंच संघ का प्रदेश अध्यक्ष स्वघोषित किए हुए हैं*।
✍ *पंच सरपंच संघ एवं बिध्य संग्राम परिषद के स्वयंभू प्रदेशाध्यक्ष एवं फर्जी पदाधिकारी पूर्व सरपंच भ्रस्टाचारी श्री मुनीन्द्र तिवारी को इस बात की जानकारी हो गयी है कि उनके फर्जी पदाधिकारी होने तथा उनके सरपंच के कार्यकाल में उनके द्वारा किये करोड़ो रूपये के भ्रष्टाचार की जानकारी शासन प्रशासन सहित आमजनों को हो गयी है, श्री तिवारी बर्ष 2010 सें 2015 तक ग्राम पंचायत तिवनी जनपद पंचायत गंगेव जिला रीवा के सरपंच थे,बर्ष 2010 के पूर्व ग्राम पंचायत के खातें में जमा राशि में से श्री तिवारी द्वारा लगभग 65 लाख का गबन कर लिया था,अपने सरपंच कार्यकाल के दौरान उन्होने कई भवन के नाम सें राशि तों खातें सें आहरित कर ली,लेकिन भवन का निर्माण नही कराया गया, जो भवन पूर्व सें बने थे उसी भवन को दिखा दिया गया था, यही बजह है कि श्री तिवारी अपने कार्यकाल का कोई भी अभिलेख आज तक ग्राम पंचायत के सरंपच एवं सचिव को नही दिए*।
✍ *श्री तिवारी अपने सरपंच कार्यकाल मे करोड़ो रूपये के घोटालें के पर्दाफास होते देख बौखला गयें है,इसके बदले ध्यान भटकाने के उद्देष्य सें मेरे खिलाफ अनाप-सनाप के मिथ्या बिज्ञप्ति जारी कर रहे है,मेरे बिरूद्ध मुनीन्द्र तिवारी द्वारा की गयी टिप्पणी के संबंध में मै स्पष्ट कर देना चाहूगा कि मै जन-भावनाओं का सम्मान करते हुयें उप तहसील गंगेव को तहसील बनायें जाने का आंदोलन किया गया था ,जिसमें हजारों लोग सामिल हुयें थे,यह कोई एक ब्यक्ति का काम न होंकर एक जन आंदोलन था*।
*आंदोलन के एक घटना पर कुल 13 मामले पंजीबंद्ध किये गये अंदोलन में भाग लेने वालो मे से लगभग 50-60 लोगो पर मुकदमा दर्ज हुआ जिसमे मेरा भी नाम शामिल था, मामला राजनीतिक होने के कारण 2 मामले शासन ने वापस ले लिया है एवं 6 मामले में न्यायालय सें निर्णय पारित हो चुका है जिसमें सभी लोगों को दोषमुक्त किया जा चुके है,शेष मामले अभी अंतिम स्टेज पर है यह मामला भ्रष्टाचार का नहीं जनहित का है।*
✍ *जहां तक शिक्षाकर्मी मामले का प्रश्न है मैंने पहले भी स्पष्ट कर दिया था कि अधीनस्थ न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में अपील है जहां से सजा स्थगित कर दी गई है इसलिए अधिनस्त न्यायालय का निर्णय अंतिम नही है, मुनींद्र तिवारी को इस बात का ध्यान होना चाहिए कि मैं उस समय जनपद पंचायत गंगेव का अध्यक्ष या उपाध्यक्ष नहीं था ना ही शिक्षा समिति का सदस्य था, शिक्षाकर्मी भर्ती का अधिकार जनपद के उपाध्यक्ष (पदेन शिक्षा समिति के अध्यक्ष) के पास था, इसलिए मुनींद्र तिवारी का कथन संजय पांडे मुख्य आरोपी है पूर्णता गलत एवं स्वरचित है साथ ही कहना चाहूंगा कि वकालत का लाइसेंस मुझे भाई मुनीन्द्र तिवारी के पिता जी ने नही प्रदाय किया था, जो मुनींद्र तिवारी वापस ले लेंगे, वकालत का लाइसेस मुझे राज्य अधिवक्ता परिषद ने दिया है,ऐसी स्थिति मे मेरे वकालत के पेशे को कोई रोक नही सकता है*।
✍ *नरबलि मामले मे स्वयंभू नेता श्री मुनीन्द्र तिवारी गुमराह करने का काम न करें,रीवा जिले के लोग जानते है कि वो सब मुनीन्द्र तिवारी के लोग ही शामिल थे जिनके ऊपर प्रकरण पंजीबद्ध होकर ममला न्यायालय में चला था, जिसमे मेरे गावँ के कुछ लोग सम्मिलित थे, मेरे विरुद्ध इस संबंध का कोई मामला नहीं हुआ था, बल्कि मैंने इस मामले के दोषी व्यक्तियों के ऊपर मामला पंजीबद्ध कराने में सहयोग किया था, इस मामले में मेरा नाम शामिल कर बदनाम करने का प्रयास इन्ही स्वयंभू नेता श्री मुनीन्द्र तिवारी एवं उनसे जुड़े लोगो द्वारा किये जाने का प्रयास किया गया था, जिसके संबंध में मेरे द्वारा मानहानि के मामले का परिवाद मा. सत्र न्यायालय रीवा मे पंजीबद्ध कराया गया था जो बिचाराधीन है*।
✍ *मेरे द्वारा जनपद गंगेव मे कराधान की राशि लगभग 13 करोड़ रूपये के घोटाले का पर्दाफास किया गया है, जिसका मुख्य मास्टरमाइंड राजेश सोनी लिपिक था जिसके एक संरक्षक श्री मुनीन्द्र तिवारी भी है जो भ्रस्टाचारी सोनी बाबू एवं आरोपी सभी ग्राम पंचायतों से लाखों चंदा लिए है,चंदे के धंधे से ही इनकीं रोजी रोटी चलती है। मुनीन्द्र तिवारी अपने आपको सरपंच रहते हुए किये गए करोड़ों के घोटाले एवं गंगेव करारोपण के मामले में घिरतें हुए देख बौखलाये हुयें है*।
✍ *मैं श्री मुनीन्द्र तिवारी से कहना चाहूगा कि मेरे अरबो रूपये के घोटाले की फाइल जो उन्होंने खुलवाई है एवं उसके अलावा जो आरोप मेरे ऊपर लगा रहे हैं उसकी निस्पक्ष जांच किसी स्वंतत्र एजेसी से करा सकतें है मुझे किसी प्रकार की कोई आपत्ति नही है,साथ ही मै यह भी चाहूगा कि श्री तिवारी अपने सरपंच कार्यकाल के दौरान कुल आहरित राशि के विरुद्ध कराए गए कार्यो की जांच हेतु अपनी सहमति ब्यक्त करे तथा राशि सें जुड़े समस्त अभिलेख ग्राम पंचायत तिवनी के वर्तमान सरपंच (प्रधान) एवं सचिव को उपलब्ध कराये,जिससें मेरे ऊपर आरोपित अरबो रूपये के घोटाले के साथ श्री मुनीन्द्र तिवारी के बिरूद्ध अरोपित करोड़ो रूपये के घोटाले का पर्दाफास हो सके,मेरे पास हरिश्चन्द का प्रमाणपत्र तो नही है परंतु भाई मुनीन्द्र तिवारी व करारोपण घोटाले से जुड़े हुए लोग जो भ्रस्टाचारी राजेश सोनी से पैसा खाकर हरिश्चन्द्र के प्रतिबिम्ब बने है उनको अपने कार्य की जांच कराने से परहेज क्यों है,जांच कराने से मामले में दूध का दूध एवं पानी का पानी हो जाएगा। मैं अपनी हर स्तर की जांच कराने के लिए तैयार हूं एवं अपनी सहमति दे रहा हूँ, इसी तरह श्री मुनीन्द्र तिवारी को भी ग्राम पंचायत तिवनी के अभिलेख सौपकर जांच हेतु अपनी सहमति देनी चाहिए,जिले की जनता स्वयंभू नेता मुनींद्र तिवारी व मेरे बारे में विधिवत जानती है इसको बताने की आवश्यकता नही है, सोशल मीडिया में भी लोगों ने इनके विरुद्ध अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसको स्वयं देख परख एवं पढ़ लें कि उनकी जनता के बीच असली औकात क्या है, तथा पुनः स्पस्ट करना चाहता हूँ कि भ्रस्टाचारी राजेश सोनी के द्वारा 13-14 साल से किये गए पूरे घोटाले/गबन/फर्जीवाड़े एवं अवैध संपत्ति की जांच कराकर राशि वसूली एवं जेल की सलाको के पीछे ले जाने से कोई रोक नही सकता है।*
(संजय पाण्डेंय)
पूर्व उपाध्यक्ष जनपद गंगेव
जिला रीवा (म0प्र0)
(मो.नं. 9827372597)
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